Latest Update

Budget 2024 : बजट में अगर STT और LTCG टैक्स बढ़ा तो क्या होगा? | STT Tax | LTCG Tax

no-image

Budget 2024 : बजट में अगर STT और LTCG टैक्स बढ़ा तो क्या होगा? | STT Tax | LTCG Tax-

 

 ब्रोकरेज फर्म्स को यूनियन बजट से कई उम्मीदें हैं हालांकि उन्हें सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स यानी एसटीटी और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस यानी एलटीसीजी टैक्स बढ़ने की चिंता भी है उनका मानना है कि अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों में किसी तरह का बदलाव करती हैं तो उसका मार्केट के ट्रेडिंग वॉल्यूम पर खराब असर पड़ेगा बाजार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अगर एसटीडी बढ़ाया जाता है तो इससे वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है इसकी वजह यह है कि ट्रेडर्स अभी जिस तरह से फ्रीक्वेंसी से एसटीटी बढ़ने के बाद नहीं कर पाएंगे

 दरअसल एसटीटी बढ़ने के बाद ट्रेडिंग कॉस्ट बढ़ जाएगी ट्रेडिंग कॉस्ट पहले से ही 1 अक्टूबर से बढ़ने की संभावना है क्योंकि इस तारीख से यूनिफॉर्म एक्सचेंज फी रेजीम लागू हो जाएगी एसटीटी का मतलब है सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स जो लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स को खरीदने और बेचने पर लगता है मार्केट से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि अगर एसटीटी बढ़ाया जाता है तो यह ज्यादातर एफ एंडो सेगमेंट के लिए होगा ना कि कैश सेगमेंट के लिए हालांकि उन्होंने यह माना कि एसटीटी बढ़ने से मार्केट में लिक्विडिटी घटेगी इसकी वजह यह है कि

   मार्केट की लिक्विडिटी में इंट्राडे ट्रेडर्स का काफी योगदान होता है प्राइमस पार्टनर्स का इस बारे में मानना है कि एसटीटी 20 से 30 फ बढ़ने से ट्रेडर्स पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि टैक्स एब्सलूट टर्म्स में होता है जिससे इसका असर उम्मीद से कम पड़ेगा अगर एसटीटी ज्यादा बढ़ाया जाता है तभी इसका कुछ खास असर देखने को मिलेगा हालांकि उन्होंने कहा कि अगर एसटीटी के साथ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेस टैक्स भी बढ़ाया जाता है तो इसका असर ट्रेडिंग वॉल्यूम पर काफी पड़ेगा अभी ऑप्शंस की बिक्री पर 0 द 0625 फीस एसटीटी लगता है जिसका पेमेंट सेलर करता है ऐसे

  ऑप्शंस की बिक्री जिसमें ऑप्शंस को एक्सरसाइज किया जाता है उसमें टैक्स का रेट 0.125 फ है इसका पेमेंट बायर करता है फ्यूचर बेचने पर 0.0125 फ एसटीटी लगता है जिसका पेमेंट सेलर करता है सरकार के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में एसटीटी की अच्छी खासी हिस्सेदारी है इसलिए एसटीटी बढ़ाने से सरकार का रेवेन्यू बढ़ सकता है पिछली कुछ तिमाहियों में ब्रोकर्स फर्म की क्लाइंट की संख्या और डीमेट अकाउंट की संख्या काफी बड़ी है जून 2024 में डीमेट अकाउंट की संख्या बढ़कर 16.2 करोड़ पहुंच गई है जून में 42 लाख नई डीमेट अकाउंट खुले यह फरवरी 2024 के बाद

 

जय हिंद जय भारत

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.