केंद्रीय बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय घटना होती है, जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता है। हर साल, बजट घोषणाओं के कारण बाजार में अस्थिरता (volatility) देखने को मिलती है। कुछ वर्षों में बजट के बाद बाजार में तेज उछाल आया, जबकि कुछ वर्षों में बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। इस लेख में, हम पिछले 10 वर्षों में बजट दिवस (Budget Day) पर भारतीय शेयर बाजार (Nifty 50 और Sensex) की चाल का विश्लेषण करेंगे।
नीचे दिए गए चार्ट में, बजट के दिन Nifty 50 और Sensex में हुए बदलाव को दर्शाया गया है:
साल | बजट तिथि | Nifty 50 (% परिवर्तन) | Sensex (% परिवर्तन) |
---|---|---|---|
2014 | 10 जुलाई | +0.30% | +0.28% |
2015 | 28 फरवरी | -0.43% | -0.43% |
2016 | 29 फरवरी | +0.66% | +0.75% |
2017 | 1 फरवरी | +1.81% | +1.76% |
2018 | 1 फरवरी | -0.16% | -0.16% |
2019 | 5 जुलाई | -0.99% | -0.79% |
2020 | 1 फरवरी | -2.51% | -2.43% |
2021 | 1 फरवरी | +4.74% | +5.00% |
2022 | 1 फरवरी | +1.37% | +1.46% |
2023 | 1 फरवरी | -0.26% | -0.27% |
पिछले 10 वर्षों में केंद्रीय बजट का बाजार पर सीधा असर पड़ा है। कुछ वर्षों में शानदार रैली देखने को मिली, जबकि कुछ वर्षों में बाजार ने निराश किया। बजट डे पर Intraday और Short-Term Trading के अच्छे अवसर होते हैं, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहकर ट्रेडिंग करनी चाहिए। यदि आप एक स्मार्ट ट्रेडर हैं और बजट की नीतियों को समझते हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकता है!
आपका नजरिया क्या है? क्या आप बजट डे पर ट्रेडिंग करते हैं? हमें कमेंट में बताएं!
यह लेख केवल शिक्षात्मक (Educational) और जानकारी (Informational) उद्देश्य के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश या ट्रेडिंग की सिफारिश नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है, और आपको अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श करके ही कोई भी निवेश निर्णय लेना चाहिए। लेखक या प्रकाशक आपके किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
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